सभी गणमान्य मित्रों को विजयादशमी की मंगलकामनाएं ၊
आओ इक दीप हिए में जलाएं
आओ दहन इक स्वरावण करायें
कुछ तो सहेजें स्वयं में राम को
दूजों पे कब तक आश हम लगायें ၊
......उमेश कुमार श्रीवास्तव
आओ दहन इक स्वरावण करायें
कुछ तो सहेजें स्वयं में राम को
दूजों पे कब तक आश हम लगायें ၊
......उमेश कुमार श्रीवास्तव
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