Meri Gajale Mere Geet (मेरी ग़ज़लें मेरे गीत)
शनिवार, 11 दिसंबर 2021
शेर
कदर - ए- इश्क आती कहां है हुश्न को
खुद़ पर गुरुर करता रहा है आज तक
इश्क पूरा कहां है हुश्न बिन
सबब सदियों से रहा इक तरफा - ए- इश्क
उमेश
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