Meri Gajale Mere Geet (मेरी ग़ज़लें मेरे गीत)
बुधवार, 5 अक्टूबर 2022
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हो अन्धकार प्रबल जब दीप के ओलाक हो
दुःख गहन होने लगे तो आश की प्रतिमूर्त हो
नैतिक पतन के काल में आदर्श के स्तम्भ हो
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