बुधवार, 8 अक्टूबर 2025

कालचक्र

कालचक्र का यह पहिया 
तम ज्योति योग से गढ़ा गया
जीवन पथ पर हर क्षण प्रतिपल
पथिक निरन्तर पढ़ा गया
तम ज्योति में जो सम भाव रहा
आनन्द उसी को चूमे है
तम देख टूट गया जो भी
सन्ताप उसी पर झूमे है ।
         🌹उमेश🌹
दिनांक : 08.10.25

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