गुरुवार, 25 सितंबर 2025

आखिर तुम क्या हो राधे
आज मुझे ये बतला दे

था जन्मा जब मुझे खिलाया
अपनी बाहों में भर भर
लाड़ दिखाया प्यार जताया
दे जीवन रस झर झर झर
क्या था रिस्ता तेरा मेरा
आज मुझे ये बतला दे ।

अलट पलट जब भी मैं गिरता
वहां तेरे हाथों को पाता
घुटनों के बल जो चल पड़ता
सीने से तू उठा लगाती


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