Meri Gajale Mere Geet (मेरी ग़ज़लें मेरे गीत)
मंगलवार, 16 फ़रवरी 2021
कितना मधुर है मिलना स्वयं से
कितना कठिन, खोजना स्वयं को ၊
भीड़ में थे तो कहते समय ही कहां है
समय जब मिला ढूढ़ते भीड़ फिर सब
ढूढ़ते ढूढ़ते औरों की कमियां
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