Meri Gajale Mere Geet (मेरी ग़ज़लें मेरे गीत)
शनिवार, 15 मई 2021
दो मुक्तक
कौन कहता फूल बड़े नाजुक होते हैं
मैने देखा है उन्हे धूप में तप मुस्कुराते हुए।
झुकना तहजीब मेरी , मजबूरी नही ,
गुरुर पाल तू , खुद को, ज़मीदोज करता क्यूं है ၊
.......उमेश
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