Meri Gajale Mere Geet (मेरी ग़ज़लें मेरे गीत)
बुधवार, 23 जुलाई 2025
किसी को फुरसत कहां
ठहर, कर ले, खैरमकदम
क्यूं बेज़ार हुआ जाता कि,
किस्से नही सुने जमाने नें ।
जमाना कहां कब पूछता ?
दर्द से, क्या हाल है !
खुशियों के साथ ही
उसकी रही है दोस्ती ।
प्यार को प्यार से पूछता
बस दर्द है
प्यार में व्यापार करता
प्यार तो बस ज़र्द है ।
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