शुक्रवार, 25 जुलाई 2025

प्यार होने लगा है

आंखों की पुतली 
मुस्कुराने लगे जब 
गालो की रंगत 
सुर्ख होने लगे जब
नुथनों पे लाली 
छाने लगे जब
अधरों की फांके
थरथराने लगे जब
धड़कन दिल की
गुनगुनाने लगे जब
गुदगुदी उदर में
सताने लगे जब
कदमों की चालें
डगमगाने लगे जब
नीद में बन सपने 
वो आने लगे जब
बता देता तन मन
प्यार होने लगा है  ।

उमेश कुमार श्रीवास्तव
राजभवन, भोपाल
दिनांक : २६.०७.२५

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