ग़ज़ल: आपको हमने कहा
आपको हमने कहा , प्यार, तो शर्मा गये
इश्क की इस राह में , पहले कदम घबरा गये
आपको हमने कहा , प्यार, तो शर्मा गये
यूँ तेरी अर्ज़ तो , आगोश में, आने की है
पर हया-ए-रुख़ से तुम ,खुद से ही शर्मा गये
आपको हमने कहा , प्यार, तो शर्मा गये
है कली जो दिल में तेरे ,लब पे वो जल्वा चाहती
जुल्फ को रुख़ पर गिरा, क्यूँ उसे भरमा गये
आपको हमने कहा , प्यार, तो शर्मा गये
ये तेरी सांसो की सरगम, कर रहीं मदहोस हैं
इन पे पहरा क्यूँ बिठाया, हो तिश्नगी बढ़ा गये
आपको हमने कहा , प्यार, तो शर्मा गये
छोड़ दो हया ये अपनी,लब ज़रा अब खोल दो
हीर-रांझे की गली में, यूँ ही नही तुम आ गए
आपको हमने कहा , प्यार, तो शर्मा गये
उमेश कुमार श्रीवास्तव, जबलपुर,०७.०९.२०१६
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