सोमवार, 14 अक्तूबर 2024

शेर

आंसू तो है वो कतरा जो सब कुछ चीर देता है
चाहे वो अन्दर हो या बाहर घाव गम्भीर देता है ।....उमेश

मित्र क्या है ?

मित्र क्या है !

रूप है ,
कृष्ण सा
सखाओं का सखा
दर्द का अवलेह है
कष्ट का निवारक
मुस्कान जिसकी
मोह लेती पाषाण को भी ।

मित्र क्या है ?
श्रेष्ठ रस ,
श्रृंगार सा
सुख मधुरिमा लुटाता
आनन्द के अतिरेक तक
मेट देता दुःखों की
हर रेख को
मित्र आमुख पर
प्रसन्नता ला टिकाता ।

मित्र क्या है ?
इक गंध है , 
अत्यन्त मीठी
मोहक , चंचलता लिये
बरसात की बून्दों से उपजी
धरा धूल सी सोंधी
अस्तित्व हर
प्राणों में रमती है जो ।

मित्र क्या है ?
स्पर्श है ?
संवेदनाओं की 
मां के करों की
पिता के हृदय की
भगनियों के नयन की
जो उतरती धमनियों से
गेह के हर पोर से
स्निग्ध स्नेह बिखेरने
करों पर ।

मित्र क्या है ?
नाद है , 
अह्लाद का 
प्रमोद का प्रह्लाद का
कर्ण पटल पर 
अनुगूंज जिसकी
वेणु धुन सी
मोहित करती प्राण को
आत्मतत्व में
अनाहत नाद सी । 

मित्र क्या है ?
वास्तव में धरा है
जिसमें समाहित
शब्द , स्पर्श , रूप , रस , गंध
सर्वगुण
जो पोषती , स्निग्ध हृदय से
सब रूप में
सुहृदय सहचर बन कर ।


 उमेश कुमार श्रीवास्तव
राजभवन , भोपाल
दिनांक : १० . १० . २०२४