Meri Gajale Mere Geet (मेरी ग़ज़लें मेरे गीत)
बुधवार, 19 अगस्त 2020
रूबाई
रूबाई
नूर चमकती आंखो की ,
रूख्सारों की दमकती ये लाली
गेसू में झलकती, जो सांझ की मस्ती,
लब पे जो धरी मदिरा प्याली
इनकी उमर न हो कोई,
अजर रखे रब की प्याली
यूं ही खुशियां बरसाओ तुम
बरसे इनसे रुत मतवाली
उमेश
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