Meri Gajale Mere Geet (मेरी ग़ज़लें मेरे गीत)
रविवार, 9 अगस्त 2020
प्रेम मूल प्रकृति
प्रेम
मूल प्रकृति
मूल प्रकृति, जीवन की मेरे
स्नेह-प्रेम ,मकरंद लिये
जग कण कण को बांटू जो मैं
क्षुधा मेरी, प्रतिपल वो मिले ၊
सानिध्य मेरा, है कालजयी
माया पर भी, है वो विजयी
बस प्रेम अस्त्र , मेरा बल है
करता हर प्राण, यही विजयी
उमेश
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