चन्द भाव दिल के
१
होता तो है दर्द उन्हे भी जो दर्दो में ही पलते है
बेदर्द बन किसी को यूँ दर्द दिया ना करो ၊
२
सोचा था दूर होकर मैं भी करूँगा याद
पर क्या करूँ की तुम तो दिल मे बसे हो मेरे ၊
३
मेरे कदम दर कदम इक और भी कदम है
जो कह रहे कि साथी अकेला नही तू राह में,
राह में तू रोड़े अब लाएगी क्या ऐ किश्मत
मेरा प्यार चल रहा जब मददगार बन कर ၊
४
मैने हर राह को मखमली सा ही पाया है,
तेरी ही चाहतो ने हर खार को हटाया है ၊
५
दिनभर की थकान ले कर पहुचा जो घर पे मैं ,
तेरी इक तब्बस्सुम ने हर दर्द हर लिया ၊
६
चुपके से तुमने भर दी गागर ऐ जिन्दगी
थोड़ा खाली जो रखती गागर,जान तो पाता क्या पाया है ၊.....
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