ग़ज़ल
इस कदर दिल पे छाई हो तुम
जिंदगी बन हर तरफ गुनगुनाई हो तुम
खुशबू से तेरी महकी बज्म मेरी
सहारा को गुलशन बनाई हो तुम
ख्वाब था, ख्वाब हूँ,ख्वाब अब ना रहूँगा
हक़ीकत का वो मंज़र लाई हो तुम
है हक़ीकत यही अहले दिल कह रहा
मेरी हर साँस में समाई हो तुम
ये ना समझो की तारीफ़ हूँ कर रहा
बन के तकदीर मेरी झिलमिलाई हो तुम
इस कदर दिल पे छाई हो तुम
जिंदगी बन हर तरफ गुनगुनाई हो तुम
इस कदर दिल पे छाई हो तुम
जिंदगी बन हर तरफ गुनगुनाई हो तुम
खुशबू से तेरी महकी बज्म मेरी
सहारा को गुलशन बनाई हो तुम
ख्वाब था, ख्वाब हूँ,ख्वाब अब ना रहूँगा
हक़ीकत का वो मंज़र लाई हो तुम
है हक़ीकत यही अहले दिल कह रहा
मेरी हर साँस में समाई हो तुम
ये ना समझो की तारीफ़ हूँ कर रहा
बन के तकदीर मेरी झिलमिलाई हो तुम
इस कदर दिल पे छाई हो तुम
जिंदगी बन हर तरफ गुनगुनाई हो तुम
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