जड़ से जो उखड़े
जड़ से जो उखड़े,तो जाओगे कहां
पत्तों के सहारे, ना बसेगाआसियां ၊
तनोगे कैसे ,तने के बिना
बिन शाख कैसे होगी जीविका
अभी जो हरे हैं कल पीत होंगे
ले जायेगा पतझड़ हर इनके निसां ၊
जड़े सींचती है पोषक रसों को
पोषित सदा, फूलता औ फला है,
जड़ों के बिना, त्रिशंकू बनोगे
न दे सकोगे कोई, पग के निसां ၊
जड़ों से जुड़े जो पाओगे पोषण
हरितिमा लिये लहराओगे सदा
प्राणसंचरण ले ,छांव पा जायेंगे
सहेजेगी धरा भी तेरा आसियां ၊
जड़ से जो उखड़े,तो जाओगे कहां
पत्तों के सहारे, ना बसेगाआसियां ၊
उमेश श्रीवास्तव
नव जीवन विहार कालोनी
विन्ध्य नगर
दिनांक : ०९ . ०३ . २०२१
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें