Meri Gajale Mere Geet (मेरी ग़ज़लें मेरे गीत)
गुरुवार, 28 नवंबर 2013
कुंठा
हर चाह जब
तृष्णा में
परिवर्तित हो जाती है
और कदम
स्वमेव
मृगमारीचिकाओं की ओर
उठने लगते हैं
तभी जन्म होता है
इक नई कुंठा का
उमेश कुमार श्रीवास्तव
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