1
तेरी इसतिरछी चितवन से घायल हुआ हूँ जाता
कैसे कह दूं इन्हे हटा लो बिन देखे रहा न जाता
2
सोचा था दूर होकर मैं भी करूँगा याद
पर क्या करूँ की तुम तो दिल मे बसे हो मेरे
3
होता तो है दर्द उन्हे भी जो दर्दो में ही पलते है
बेदर्द बन किसी को यूँ दर्द दिया ना करो
4
मैने हर राह को मखमली सा ही पाया है
तेरी ही चाहतो ने हर खार को हटाया है
5
कितनी हो खूबसूरत जानता मैं नहीं
रह सकूँगा तेरे बिन मानता मैं नही
उमेश कुमार श्रीवास्तव
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