क्षणिकाएँ (फाग पर)
फाग,
मस्ती का मौसम
यौवन की आग
गुलाल,
प्रियतम की हथेली
प्रिये का हो गाल
रंगोली,
बाँहो में प्रिये के
प्रियतमे है झूली
पिचकारी
हाथो से 'उनके'
भीगी चोली सारी
अबीर,
गोरी की चितवन
लगा दिल पे चीर
गोझा,
घरवाली का संग
लगे आज बोझा
उमेश कुमार श्रीवास्तव
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