१. ऐ इश्क न हुआ कर इस उम्र में।
यार दीवाने (पागल) का तमगा लगा देता है ।
२. कैसे कहूं नहीं इश्क मुझे तुमसे जालिम ।
बसी रहती हो सांसों में खुशबू बन कर ।
३. उम्र की चादर को यूं न फैलाओ कि,
घुट जाये बेचारे झश्क का दम।
४. उम्र गुजर जाती है जो सदा पाने में ।
हमने पाया उसे आ तेरे मयखाने में ।
५. हुश्न की दीवानगी नही ये जूनू-ए-मोहब्बत है।
हम तुम्हे देखे बिना चैन नहीं पाते जो ।
उमेश श्रीवास्तव
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