१
लगता है गुम्गस्ता है मेरा कुछ न कुछ
पा तुझे पास भूल जाता हूँ पूछना ၊
२
फकत याद में होता रहा खाना खराब
वो भी कितने मगरूर हैं देते नही खत का जबाब ၊
३
अंदर से उठ कर धुआँ गुजरता जब दिल के पास से
रौशनाई यादें बन कागज पे चल पड़ती हैं ၊
४
हूं चाहता तो मैं भी , तुझको चूम लू
पर आसमां तू ठहरा , मुझे हद पता है अपनी ၊
.......... उमेश श्रीवास्तव💐💐
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