१.
ख्वाब सी झिलमिलाती
सबा सी मदमस्त करती
ये तेरी याद है कि
इत्र की भीनी खुश्बू
२.
अल सुबो उठ कर तेरा ,
वो चुपके से आ जाना
ता दिन मेरे खयालो में रम जाना
विदा आफताब कर शब पर छाना
मुझे सोने के लिये प्यार लुटाना
तू क्या है मेंरी यार
कहीं मेरी जां तो नही
३.
तू तो उड़ रही बे-पर अय हमनशीं
है कौन जिसने तुझे ये तदबीर कही
४.
आह यूं न भर इश्क को रुसुवा न कर
इश्क में डूबना है इबादत रब की
५.
रब तेरे साथ है जो तू इश्क का है नेक बंदा
अपने बन्दे को वो कभी मायूस न करे।
उमेश श्रीवास्तव
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