प्यार में ये घड़ी जब आ ही गई
रूप यौवन को यूँ ही खिल जाने दो
जुल्फ को छोड़ दो प्यासे सावन की तरह
दिल को दिल से आज मिल जाने दो
आज की सुर्खियाँ औ ये मदहोसियाँ
कल रहें न रहें ये किसको पता
फिर ये मौसम सुहाना औ हँसी धड़कनें
तन्हाई में क्यूँ हम गुजर जाने दें
आओ मिल कर करें प्यार हम ऐ हुजूर
दिल की धड़कन का संगीत छिड़ जाने दें
पवन भी गर चले मदहोस हो कर
प्यार की खुशबुएं उनमे घुल जाने दे
गर उदासी में डूबी रही इस कदर
तो जवानी यूँ ही गुजर जाएगी
भंवरो के मंडराने से पहले ही साकी
ये कली मुरझा के गिर जाएगी
उमेश कुमार श्रीवास्तव
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