ग़ज़ल
पास आ के देखिए , मेरे दिल को छू कर आज
धड़कन नहीं मिलेगी , सिवा नाम के तुम्हारे
मगरूर हो रही क्यूँ राहे रूख़ बदल
हर राह आ मिलेगी नशेमन के मेरे द्वारे
कितने भी कर लो परदे, कर लो खड़ी दीवारें
यह रूह राहे इश्क में , ढा देती सभी दीवारे
कभी हुस्न के गुरूर से , पलट, सोच देखिए
क्या है कमी हममे, जो काबिल नही तुम्हारे
तड़पोगे जिंदगी भर, मुहब्बत का नाम ले
गुज़रा नही है वक्त, कर दो दिल नाम पे हमारे
उमेश कुमार श्रीवास्तव
पास आ के देखिए , मेरे दिल को छू कर आज
धड़कन नहीं मिलेगी , सिवा नाम के तुम्हारे
मगरूर हो रही क्यूँ राहे रूख़ बदल
हर राह आ मिलेगी नशेमन के मेरे द्वारे
कितने भी कर लो परदे, कर लो खड़ी दीवारें
यह रूह राहे इश्क में , ढा देती सभी दीवारे
कभी हुस्न के गुरूर से , पलट, सोच देखिए
क्या है कमी हममे, जो काबिल नही तुम्हारे
तड़पोगे जिंदगी भर, मुहब्बत का नाम ले
गुज़रा नही है वक्त, कर दो दिल नाम पे हमारे
उमेश कुमार श्रीवास्तव
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