अहसास (चंद शेर)
१
शुष्क इन लबों को ताज़गी दे दो
अपने लबों से छू इन्हे जिंदगी दे दो
२
शुष्क लब भी अब मेरे हो चले मयखाना
जब से उनके लब मेरे लब को छू गये
३
रिस रहा चस्मे से आज दरिया-ए-लहू
अश्क तेरी याद में कब के फ़ना हो गये
४
अश्क आँखो के न जाने कहाँ खो गये
जी चाहता रोने को पर रो नही पाते
५
गुफ्तगू करता रहा मुद्दतो से मैं तेरी
दरम्याने राजे-नियाज़ भूला ज़ुबाँ चलाना
६
ना खुदा से है शिकवा ना नाखुदा से शिकायत
जब कश्ती ही हो टूटी तो क्यूँ कर न डूब जाए
७
भर मीना पिला साकी ना पूछ कि क्या हाल है
मौत आती है नहीं जिंदगी बेहाल है
८
मुझको भूल जाना तुम बीते हुए कल की तरह
क्यूँ की लौट कर फिर मैं आ न सकूँगा
उमेश कुमार श्रीवास्तव
१
शुष्क इन लबों को ताज़गी दे दो
अपने लबों से छू इन्हे जिंदगी दे दो
२
शुष्क लब भी अब मेरे हो चले मयखाना
जब से उनके लब मेरे लब को छू गये
३
रिस रहा चस्मे से आज दरिया-ए-लहू
अश्क तेरी याद में कब के फ़ना हो गये
४
अश्क आँखो के न जाने कहाँ खो गये
जी चाहता रोने को पर रो नही पाते
५
गुफ्तगू करता रहा मुद्दतो से मैं तेरी
दरम्याने राजे-नियाज़ भूला ज़ुबाँ चलाना
६
ना खुदा से है शिकवा ना नाखुदा से शिकायत
जब कश्ती ही हो टूटी तो क्यूँ कर न डूब जाए
७
भर मीना पिला साकी ना पूछ कि क्या हाल है
मौत आती है नहीं जिंदगी बेहाल है
८
मुझको भूल जाना तुम बीते हुए कल की तरह
क्यूँ की लौट कर फिर मैं आ न सकूँगा
उमेश कुमार श्रीवास्तव
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