आना है , तो दिल के पास , आ जाइये
नज़रो के रास्ते , दिल में , समा जाइये
शमा जो जलेगी , दूर हो जाएँगे अंधेरे
तुम भी ज़रा ,अदा से मुस्कुराइये
दिल को सुकून है कहाँ , नज़रो को चैन है
लब फड़क रहें हैं , कुछ फरमाइए
तन्हा जी सकोगे ,ये तुमको है गुमान
ख्यालो को मुझसे, तुम ज़रा, तन्हा कराईए
गुमनामियो में खो जाएगा, ये हुस्न-ओ-शबाब
सीने से लग, वजू , खुद का बचाईए
उमेश कुमार श्रीवास्तव
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें