हमें इतिहास रचना है
हमें इतिहास रचना है
नया इतिहास रचना है
नई है आज पीढ़ी भी , नया है ज्वार खूनो में
नया उत्साह ले कर के नया कुछ खास लिखना है।
अभी तक थी गुलामी की बची सिसकारियां दिल में
उन्हें उन्मुक्त सासें दे दिलो पर हास लिखना है।
उन्होनें तुष्ट कर कर के दिलो को बाँट डाला था
सभी को साथ ले बन्धू , सभी को साथ दिखाना है।
हमारा धर्म है सहिष्णु हमारा कर्म है सहिष्णु
दिलो में आज सबके ही यही बस पाठ लिखना है।
हिन्दू सिक्ख ईसाई मुस्लिम पारसी सारे
हिन्दुस्तान है अपना ,हिन्दू हैं सभी न्यारे।
तभी तो आज सबको मिल, सभी को साथ दिखना है
हमें इतिहास रचना है नया इतिहास रचना है
उमेश कुमार श्रीवास्तव
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें