गुरुवार, 22 अप्रैल 2021

कशिश

रात की नरमियां 
राख की गरमियां
दीखती जो नहीं
हैं मिजाजे हरम

आप खामोश हैं
या कि मदहोस हैं
जान पाते ,क्यूं नही
पाल रखा क्यूं भरम

ख्वाब आते नहीं
या कि भाते नहीं
दीखते क्यूं नहीं
रंगीनियों के सितम

रागिनी गा रही 
या कि भरमा रही
लहरियों से जाना, 
तूने नहीं

आज की जो तपिश
आज की वो नहीं
उड़ रही राख जो
आग की वो नहीं

पाल तू न भरम
तू बच जायेगा
राख है राख बन
तू भी उड़ जायेगा

यूं भटका किया
साथ तू ना जिया
नीद की गफलतों सा,
रहा,सारा तेरा करम

ये अगन ये जलन
औ रहेगा करम
शेष रह जायेगा
बस तेरा ये भरम

उमेश कुमार श्रीवास्तव , जबलपुर दिनांक २३.०४.२७

बुधवार, 21 अप्रैल 2021

दिल के जज्बों पे

दिल के जज्बों पे , 
इक सुहानी धूप तू
नयनों की नज़रों में 
दिलकश इक रूप तू

तू जाने ना ,
दिल चाहे क्या, 
ख्यालो में खोया खोया
दिल का हर लम्हा है

तू जब आती है, 
खूं में रम जाती है
मेरे हर पल को तू
रंगत दे जाती है

दिल के जज्बों पे , 
इक सुहानी धूप तू
नयनों की नज़रों में 
दिलकश इक रूप तू

दुनिया जो मेरी है
प्यास घनेरी है
मेरी इस अभिलाषा को
बरखा दे जाती तू

दिल के जज्बों पे , 
इक सुहानी धूप तू
नयनों की नज़रों में 
दिलकश इक रूप तू

दिल की गलियों में आ
तुम जो छाई हो
तुम बिन जीना अब ना
कशक वो जगाई हो

दिल के जज्बातों से
ना करना यूं खेल तू
जीवन की खुशियां तुझसे
है सांसों की डोर तू

दिल के जज्बों पे , 
इक सुहानी धूप तू
नयनों की नज़रों में 
दिलकश इक रूप तू

उमेश  १६.०४.१७ जबलपुर

रविवार, 11 अप्रैल 2021

चाह

चाह

गंगा सी निर्मल धार बनूं
इक सोच सरल सी रहती है
मन मस्तिष्क हृदय से हो
इक निर्झरणी सी बहती है ।

कोयल सी कोमल कूक बनू
हिरणी सी चपल समअक्षि लिये
निडर रहूं तनिक न डिगूं
शार्दूल बनूं सत लक्ष्य लिये ।

दधीचि सदा आदर्श रहें
जन तारण की यदि मांग उठे
प्रमाद तनिक उर न धरूं
भगीरथ सा संकल्प रहे ।

व्यान अपान उदान समान
साध्य बने प्रण प्राण लिये
यमुना सी शीतल काया बनूं
तिस्ता सी चंचल स्वांग रचूं

हर हिय, हर हरि द्वार लगे
हर द्वार मुझे हरिद्वार लगे
हर हिय मे बसूं आदर बन के
हर हिय में बसें तापस बन के

जीवन की बस चाह यही
जी मैं सकूं सबका बन के
दे मैं सकूं हर की चाहत
साध सकूं अपना आगत ।

उमेश कुमार श्रीवास्तव
जबलपुर १२.०४.१७ ,(१२.३३)

बुधवार, 7 अप्रैल 2021

नववर्ष सन्देश

अभिनन्दन नववर्ष तेरा
आपूरित कर सब सद - आकांक्षा
जन जन की
हो सबका नया सवेरा
..... सभी मित्र सज्जनों व देवियों को नववर्ष मंगलमय हो

शुक्रवार, 2 अप्रैल 2021