शनिवार, 26 नवंबर 2022

मेवे

जुनून के साथ ताकत से लबरेज़ कर देते है
आजमा के देखें, मेवे वो खुसूसी मज़ा देते हैं ।
ताज़े फलों का क्या,गिरे फटे लिज़लिजे हुए
सूखे मेवे हैं कि सबकी रंगत बदल देते हैं  ।

मज़ा चाहें गर, जिग़र, जान, तन-ओ-बदन का
खब्ती जहां में जुनूनी बन मज़ा लेने का
रंगत पे ना जायें, सब चिकने चुपड़े हैं यहां ,
मेवे में ही है कूबत, अन्दरूनी मज़ा देने का ।

ताज़ो में,ना हुनर , ना ही तहजीब है ,
बस नाजो अदा की ही वो तस्वीर हैं ,
तजुर्बे की झुर्रियां भर सूखे हैं  मेवे ,
अन्दरूनी सुकूं बाहरी ताज़गी से भर देते हैं ।

जहन्नुम  जन्नत सा है फरक  
जान सको , जो,ताजे सूखे का मरम  
एक नफ़ासत से भरा ,बस खींचे तन मन ,
दूजा अर्क-ए-तजुर्बे से , हर गुल खिला देते हैं l

आ करीब जरा,नजदीकियां बढ़ा,देखो
लबों पे रख , चश्मों से पिला कर देखो ,
खिलेगा बदन ,सुराख-ए-जिश्म खिल जायेंगे
हलक से जो उतरे मेवे , तो जन्नत का मज़ा देते हैं ।

उमेश कुमार श्रीवास्तव
राजभवन भोपाल
दिनांक : २२.१२.२२

गुरुवार, 24 नवंबर 2022

गज़ल : इस गली भी कभी आप आया करें

इस गली भी कभी आप आया करें ,
नज़र यूं ना हमसे चुराया करें ।
गुफ्तगूं- ए- ज़ुबा हो न हो , 
गुफ्तगू-ए-नज़र कर जाया करें ।

तब्बस्सुम लबों पर सजे ना सजे, 
साज़-ए-जिगर बजे ना बजे
आ जुल्फे जरा लहराया करें, 
चश्मों को बोसे कराया करें ।

आपकी मसरूफियत , हमें है पता
आप मगरूर हैं, है ये भी  पता
ये जवानी के दिन बस गिने चार हैं
मुंतज़र हमें यूं   न कराया करें ।

आपकी शोखियां कर रही जुल्म हैं
तड़पते जिगर को दे रही गुल्म हैं
सुकूं पा जाये दीदार कर ये
कुछ ऐसे जतन कर जाया करें ।

है कदर हुश्न की नजर-ए-इश्क में 
फ़ना हो रहा इस जमाने जो
न परदों में खुद को छिपाया करें
पास आने की जहमत उठाया करें  ।

उमेश कुमार श्रीवास्तव
राजभवन, भोपाल
दिनांक : २९ . १२ . २०२२






मंगलवार, 22 नवंबर 2022

प्रणय राग

प्रेम सुधा का प्यासा मन
ढूंढ़ रहा पपिहा बन 
स्वाती जल कण
मरू-रज जीवन
चूसे रस ,
कण कण,

विह्वल हिय
विह्वल मन तन,
शुष्क दृग द्वय
ढूढ़े उसको,
करे जो पूरित ,
तरल नीर सम,
प्रेम-विरह जल ।

हुलसित हिय
चित्कार करे ,
प्रतिध्वनित नाद
आमुख पर आ
झंकारित ।

व्याकुल अधर द्वय
कम्पित
विस्तारित नयनों से
प्रतीक्षित
चुम्बन को
प्रेयसी अधर को ।

रास-प्यास,आभास !
हुई संकुचित
स्व गुहा मध्य, पर
हार न माने
होगा संगम
भले लगे कल्प
यह रार है ठाने ।

उमेश कुमार श्रीवास्तव
राज भवन , भोपाल
दिनांक : २३.११. २०२२