शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2022

नमामी शमशान

वन्दन करता हूं तुम्हे, अखिल ब्रम्ह के धीश
मुक्ति शक्ति व वेद तुम, आदि व्याप्त जगदीश ॥
पूजन करूं हे शिव तेरी, है महिमा अनन्त अपार
गुण इच्छा सीमा रहित, हो चैतन्य ओढ़ अकाश ॥

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