बुधवार, 12 फ़रवरी 2020

दिल क्या है ?

दिल क्या है ?

दिल क्या है ?
कोशिकाओं का समुच्चय,
रक्त प्लाजमा व 
कणिकाओं भरा चषक,
अथवा इक व्योम विवर,
आकर्षित करता 
हर इक 
कार्य व्यवहार के
अहसासों को,
कटु मृदु या विभत्स ၊

दिल लोथड़ा नही
मांस पेशियों का,
जाल नही, 
धमनियों,शिराओं का,
न ही आश्रय स्थल है ,
सुचि व कलुषित रुधिर का ၊

दिल इक घरौंदा है ,
अहसासों का,
कोमल नरम मखमली
अहसासों का,
तीखे ,खट्टे-मीठे
सर्द-गर्म , सिहरन लिये
अहसासों का ၊
कुछ खुरदुरे ,भोथरे
कंकड़ीले, पथरीले,
ऊबड़-खाबड़ 
कंटीले अहसासों का ၊

ये अहसास ही
अस्तित्व है
दिल का,
सुख-दुःख ,पीड़ा - व्यथा 
स्नेह - दुलार, 
स्निग्ध प्यार तन्तु हैं,
जिनसे रचा ताना-बाना
निराकारी दिल का ၊
जो आकार ले लेता है
उसी का ,
जो भावना धारणार्थ
उपनिषद होती है उसके ၊

उमेश कुमार श्रीवास्तव
दिनांक १३.०२.२०२०, रात्रि ०९:३९ बजे
जबलपुर _ इन्दौर यात्रा ,नर्मदा एक्स.


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