रविवार, 28 जून 2020

गज़ल

जुल्फों की तिरी सबा से , मेरा प्यार झिलमिलाये
तेरी चश्मों की झील में , मेरी किस्ती मौज लाये ၊

रुख की मयकदा तो काफ़िर बना रही है
प्याले लब तेरे ये , मेरे होश हैं उड़ाये

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