गुरुवार, 16 सितंबर 2021

तितलियों के पर में , जो रंग भरे हैं तूने
पक्षियों के स्वर में हैं भरी जो गूंज तूने

नदियों की निनाद कल-कल रेसम सी दे रखी है

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