शुक्रवार, 22 अगस्त 2025

मुक्तक

बे ख्याली मेरी तूने दिल से लगा ली 
बिना जाने की ख्यालों मे तेरी किस कदर डूबा था मैं 
धड़कन ,दिल औ लहू ए जिगर के कतरे से पूछ ज़रा 
ओ तेरा है या मेरा उसे मालूम है क्या.......उमेश

बुधवार, 20 अगस्त 2025

मदमस्त सूरत

नूर चमकती आंखो की , 
रूख्सारों की दमकती ये  लाली
गेसू में झलकती, जो सांझ की मस्ती, 
लब पे जो धरी मदिरा प्याली
इनकी उमर न हो कोई, 
अजर रखे रब की प्याली
यूं ही खुशियां बरसाओ तुम
बरसे इनसे रुत मतवाली

किसी मुखड़े के नूर पर , 
यूं फ़िदा हुआ जाता नहीं।
गर फिदा हो जाये तो , फिर, 
ज़ुदा हुआ जाता नहीं ।


उमेश कुमार श्रीवास्तव
२० अगस्त २०१६

सोमवार, 18 अगस्त 2025

मैं और तू

मुझे चाहिये तू, अन्तस में बैठा क्यूं यूं
भटक रहा था बाहर, अब भीतर आता हूं
छिप सके तो छिप ले छलिये 
स्व छान रहा हूं अब मैं
काया छान चुका हूं कब का
मन माया छान रहा हूं अब मैं 
गन्ध तेरी सु संग ले, बनी राह है मेरी 
श्वान बना हूं फिरता, क्या करे राह अंधेरी
माया ! तेरी ये माया, भ्रमित करेगी कब तक
हूं अंश तेरा जब मैं तो, है विश्वास !
मिल ही लूंगा अब तुझसे ।
🚩🚩🚩🚩🌹🚩🚩🚩🚩
उमेश कुमार श्रीवास्तव
राजभवन, भोपाल
दिनांक २०.०८.२०२५

रविवार, 17 अगस्त 2025

शेर

सभी की अपनी राहें हैं सभी की अपनी है मंजिल
पग दो पग के साथी भी महका जाते राहे मंजिल ।
......उमेश

सोमवार, 11 अगस्त 2025

तुम्हे मैं इश्क करता हूं
नहीं चाहत बताने की
अहसास ना कह दें खुद
क्या मनासिब इश्कियाने की

रविवार, 3 अगस्त 2025

मित्रता दिवस की सभी मित्रो को शुभकामनाएँ

दिल के दरवाजे बंद रखोगे तो कैसे कोई वास करेगा
शर्मो हया से ढके रहे तो कैसे कोई आभास करेगा
अहंकार मे डूबे गर तो कैसे कोई विश्वास करेगा
सरल तरल निश्च्छल कर्मो से  ही मीत हृदय पेंग भरेगा......
......... उमेश ......