शुक्रवार, 3 जनवरी 2014

नाना बनाने का सुखद अहसास कराने वाले नाती के जन्म पर उसे समर्पित

 नाना बनाने का सुखद अहसास कराने वाले नाती के जन्म पर  उसे समर्पित 


नव पीढ़ी के सेतु बने , तुम 
अभिनन्दन !
धरा पर पग धरे तुम ,
अभिनन्दन !

मृदुता भरी मुस्कान से 
आबद्ध कर 
दे दिया रिस्तों को तुमने 
इक नयापन 
अभिनन्दन 

सूर्य सा तेज ले दमको 
शशि कि शीतलता से चमको 
किलकारियों कि अनुगूँज से 
भर दो धरा गगन 
अभिनन्दन 

धर्म के अग्रज रहो 
प्रमुदित करो हर ह्रदय 
आह्लाद की  सीमा रखो 
हर्षित करो दिग्दिगंत 
अभिनन्दन 

शुष्क कर दो त्रास के हर तड़ाग 
रस भरो उनमें स्नेह के 
महका दो चतुर्दिक 
अपना चन्दन 
अभिनन्दन 
अभिनन्दन 

   उमेश कुमार श्रीवास्तव 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें