शुक्रवार, 31 मई 2019

चन्द शेरो- शायरी

चन्द शेरो- शायरी


१. रिस्तों की महक को बनाये रख ऐ नाखुदा।
किस्ती है दरिया है बस जज्बे है बा खुदा ।
२. मैं हूं तन्हा तन्हा बस मुंतजरे खबर ।
हुजूर हैं कि कोई खबर लेते नहीं मगर
३. लगता गुल- ए-गर्ज नहीं महकने की अब ।
हर बार तंज कश रहा बागवान को ।
४. दिल-ए-लहू से मैं तुझे नज्म में भरूं ।
मगरूरियत ये तिरी बस इक वाह ही करे
५. जानता हूं सो गई हो पर ख्यालात भेज रहा हूं।
मैं किस तरह अकेला हूं वो हालात भेज रहा हूं ।
उमेश श्रीवास्तव

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