गुरुवार, 9 मई 2019

पंच शेर

१. ऐ इश्क न हुआ कर इस उम्र में।
यार दीवाने (पागल) का तमगा लगा देता है ।

२.  कैसे कहूं नहीं इश्क मुझे तुमसे जालिम ।
बसी रहती हो सांसों में खुशबू बन कर ।

३. उम्र की चादर को यूं न फैलाओ कि,
घुट जाये बेचारे झश्क का दम।

४. उम्र गुजर जाती है जो सदा पाने में ।
हमने पाया उसे आ तेरे मयखाने में ।

५. हुश्न की दीवानगी नही ये जूनू-ए-मोहब्बत है।
हम तुम्हे देखे बिना चैन नहीं पाते जो ।

उमेश श्रीवास्तव

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