सोमवार, 13 मई 2019

चतुर शेर


                     १

लगता है गुम्गस्ता है मेरा कुछ न कुछ
पा तुझे पास भूल जाता हूँ पूछना ၊

                       २

फकत याद में होता रहा खाना खराब
वो भी कितने मगरूर हैं देते नही खत का जबाब ၊

                          ३

अंदर से उठ कर धुआँ गुजरता जब दिल के पास से
रौशनाई यादें बन कागज पे चल पड़ती हैं ၊

                             ४

हूं चाहता तो मैं भी , तुझको चूम लू       
पर आसमां तू ठहरा , मुझे हद पता है अपनी ၊

.......... उमेश श्रीवास्तव

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें