बुधवार, 20 नवंबर 2013

इतवार



इतवार,यानी
स्वर्ग का द्वार
आज के मानव का
आदि व अंतिम प्यार
है इतवार का इंतजार
दिल बेकरार
कब आएगा तू
ऐ मेरे यार
ऐ बेरहम
कुछ कर रहम
ना और काट
दुःख दर्द बाँट
ले गति मेरी
तू दौड़ कर
हर वीक में
आ सात बार

    उमेश कुमार श्रीवास्तव

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