गुरुवार, 21 नवंबर 2013

चंद दिल के नाले


              
1

चुपके से तुमने भर दी गागर ऐ जिन्दगी

थोड़ा खाली जो रखती गागर , जान तो पाता क्या पाया है 
               
2

दिनभर की थकान ले कर पहुचा जो घर पे मैं

तेरी इक तब्बस्सुम ने हर दर्द हर लिया
              
 3

मैने हर राह को मखमली सा ही पाया है

तेरी ही चाहतो ने हर खार को हटाया है
             
 4


मेरे कदम दर कदम इक और भी कदम है 

जो कह रहे कि साथी अकेला नही तू राह में

राह में तू रोड़े अब लाएगी क्या ऐ किश्मत

मेरा प्यार चल रहा जब मददगार बन कर 

              
5

सोचा था दूर होकर मैं भी  करूँगा याद

पर क्या करूँ की तुम तो दिल मे बसे हो मेरे

                      
                                     उमेश कुमार श्रीवास्तव

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