सोमवार, 16 दिसंबर 2013

०ग़ज़ल



जिंदा है मेरा प्यार उसे यूँ न मारिये
अश्कों से मेरे प्यार को अब तो उबारिये

मिट जाएगी हस्ती मेरी, गर तड़पा करेंगे यूँ
प्यार की किस्मत मेरी, कुछ तो संवारिये

प्यार का खूमार रग रग में यूँ रचा
जाँ पर बनी है अब, मुझको सम्हालिए

तुमको मैने पा, फख्र , तकदीर पर किया
कुछ कर तदबीर मेरी तक़दीर सँवारिये

टूटता बहोत कुछ, जब रोकती हो तुम
साहिल पे ला, मुझको, यूँ तो न मारिए

जिंदा है मेरा प्यार उसे यूँ न मारिये
अश्कों से मेरे प्यार को अब तो उबारिये

                  उमेश कुमार श्रीवास्तव २६.०१.१९९७

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