गुरुवार, 5 दिसंबर 2013

अहसास (चंद शेर)

अहसास (चंद शेर)

            १
शुष्क इन लबों को ताज़गी दे दो
अपने लबों से छू इन्हे जिंदगी दे दो
            २
शुष्क लब भी अब मेरे हो चले मयखाना
जब से उनके लब मेरे लब को छू गये
             ३
रिस रहा चस्मे से आज दरिया-ए-लहू 
अश्क तेरी याद में कब के फ़ना हो गये
              ४
अश्क आँखो के न जाने कहाँ खो गये
जी चाहता रोने को पर रो नही पाते
              ५
गुफ्तगू करता रहा मुद्दतो से मैं तेरी
दरम्याने राजे-नियाज़ भूला ज़ुबाँ चलाना
               ६
ना खुदा से है शिकवा ना नाखुदा से शिकायत
जब कश्ती ही हो टूटी तो क्यूँ कर न डूब जाए
               ७
भर मीना पिला साकी ना पूछ कि क्या हाल है
मौत आती है नहीं  जिंदगी बेहाल है
                ८
मुझको भूल जाना तुम बीते हुए कल की तरह
क्यूँ की लौट कर फिर मैं  आ न सकूँगा


                  उमेश कुमार श्रीवास्तव

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