मंगलवार, 17 दिसंबर 2013

ग़ज़ल




करते हो प्यार कितना अहसास कराइये
गुल बन ना बैठिए, ज़रा, खिल तो जाइए

जल जाएगा ये दिल, जो रीते रहे जलद
बरखा की बन बदरिया, ज़रा , झूम जाइए

सब कुछ किया हमने,मगर,जगा सके न हम
खुद अपने प्यार को ज़रा, अब तो जगाइए

तुमको हंसाने के लिए रोना हमे क़ुबूल
मेरे लिए भी ज़रा , कुछ कर दिखाइए

लुट जाएगी बगिया मेरी , यूँ जी न सकेंगे
जां मेरी जानम मेरी , कुछ जान जाइए

टूटते बिखरते रहे अब तलक तो हम
कुछ सुकू मिले मुझे , दामन बिछाईए

करते हो प्यार कितना अहसास कराइये
गुल बन ना बैठिए, ज़रा, खिल तो जाइए

                     उमेश कुमार श्रीवास्तव

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