मंगलवार, 17 सितंबर 2013

चंद शेर दिल के


१- चाँद को हमने दागदार देखा था
   ये चाँद फिर कहाँ से बेदाग़ आ गया

२- दिल की तमन्ना को जुबाँ  पे लायें क्यूँ
   जब नजरें ही प्यार की हर बात कह रही

३- याद आती है तुम्हारी जब चिराग जल उठतें  हैं
   और दिल में मेरे यार ,अँधेरा सा बना रहता है

-४ कुशूर आप का नहीं जवानी भी क्या करे
    जब नजरें ही तीर बन कर विस्मिल कर रही

५- यादो में दिल रोयेगा गर उफ़ निकलने ना दूंगा
    गर उफ़ निकल भी गई तो अश्क ढलने ना दूंगा

                              उमेश कुमार श्रीवास्तव 

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