शनिवार, 28 सितंबर 2013

ग़ज़ल



आना है , तो दिल के पास , आ जाइये
नज़रो के रास्ते , दिल में , समा जाइये

शमा जो जलेगी , दूर हो जाएँगे अंधेरे
तुम भी ज़रा ,अदा से मुस्कुराइये

दिल को सुकून है कहाँ , नज़रो को चैन है
लब फड़क रहें हैं , कुछ फरमाइए

तन्हा जी सकोगे ,ये तुमको है गुमान
ख्यालो को मुझसे, तुम ज़रा, तन्हा कराईए

गुमनामियो में खो जाएगा, ये हुस्न-ओ-शबाब
सीने से लग, वजू , खुद का बचाईए

                    उमेश कुमार श्रीवास्तव 

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