शुक्रवार, 20 सितंबर 2013

इजहारे दिल : चंद शेर



१ - हम तो कोशिश करते भूल जाने की अक्सर
      वो तो शायद , याद करते ही नहीं

२- वही चाँद वही तारे वही पिज़ा  वही  नज़ारे
     फ़िर क्यूँ चुप सब !
     लगता बिन तुम्हारे

३- रँगे हया के शबनम में लिपटी तब्बस्सुम तेरी
     हाय ! मुझमें , जुनू भर गई

४- तुझे देख नहाता जमुना जल में
     मुझे बदगुमानी हुई ताज महल की

५- ये नाजे अंदाज ये शोखी शरारत
     क्यूँ ना करे आशिक तेरी इबादत

६- तुम बस गई हो साँसो में इस कदर
     जिसको भूलना , मौत का पैगाम ले के आएगी

७ - आँखो का समझ  अश्क तूने मुझे जुदा किया
      शबनम सी मोहब्बत मेरी खाक में मिला दिया

                           उमेश कुमार श्रीवास्तव
     

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